इस अध्याय के माध्यम से हम जानेंगे अमृता प्रीतम (Amrita Pritam) से जुड़े महत्वपूर्ण एवं रोचक तथ्य जैसे उनकी व्यक्तिगत जानकारी, शिक्षा तथा करियर, उपलब्धि तथा सम्मानित पुरस्कार और भी अन्य जानकारियाँ। इस विषय में दिए गए अमृता प्रीतम से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को एकत्रित किया गया है जिसे पढ़कर आपको प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद मिलेगी। Amrita Pritam Biography and Interesting Facts in Hindi.
अमृता प्रीतम के बारे में संक्षिप्त जानकारी
नाम | अमृता प्रीतम (Amrita Pritam) |
जन्म की तारीख | 01 अगस्त 1919 |
जन्म स्थान | पंजाब,मंडी बहाउद्दीन |
निधन तिथि | 31 अक्टूबर 2005 |
माता व पिता का नाम | राज कौर / करतार सिंह हितकरी |
उपलब्धि | 1956 - साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित प्रथम भारतीय महिला |
पेशा / देश | महिला / कवि / भारत |
अमृता प्रीतम (Amrita Pritam)
यह एक भारतीय लेखक और कवि थी। अमृता प्रीतम को पंजाबी भाषा की पहली कवयित्री माना जाता है। उन्होंने कुल मिलाकर लगभग 100 पुस्तकें लिखी हैं जिनमें उनकी चर्चित आत्मकथा ‘रसीदी टिकट" भी शामिल है। इनकी कृतियों का अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ था| उन्हें अपनी पंजाबी कविता अज्ज आखाँ वारिस शाह नूँ के लिए बहुत प्रसिद्धी प्राप्त हुई थी| 1982 में इन्हें भारत के सर्वोच्च साहित्त्यिक पुरस्कार ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था|
अमृता प्रीतम का जन्म
अमृता प्रीतम का जन्म 31 अगस्त 1919 पंजाब (भारत) के गुजराँवाला को हुआ था। इनकी माता का नाम राज कौर और पिता का नाम करतार सिंह हितकारी था| इनके पिता एक बहुत बड़े कवि थे और इनकी माता स्कूल में स्कूल शिक्षक थी| अमृता प्रीतम अपने माता पिता की इकलोती संतान थी|
अमृता प्रीतम का निधन
अमृता प्रीतम ने लम्बी बीमारी के बाद 31 अक्टूबर, 2005 को अपने प्राण त्यागे। वे 86 साल की थीं और दक्षिणी दिल्ली के हौज़ ख़ास इलाक़े में रहती थीं। अब वे हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी कविताएँ, कहानियाँ, नज़्में और संस्मरण सदैव ही हमारे बीच रहेंगे। अमृता प्रीतम जैसे साहित्यकार रोज़-रोज़ पैदा नहीं होते, उनके जाने से एक युग का अन्त हुआ है। अब वे हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनका साहित्य हमेशा हम सबके बीच में ज़िन्दा रहेगा और हमारा मार्गदर्शन करता रहेगा।
अमृता प्रीतम का करियर
उनकी पहली कविताएँ, अमृत लेहरन ("अमर तरंगें") 1936 में प्रकाशित हुईं, सोलह वर्ष की आयु में, उन्होंने प्रीतम सिंह से शादी की, जिनसे वह बचपन में ही जुड़ी हुई थीं और उन्होंने अमृत कौर से अपना नाम बदलकर अमृता कर लिया था। प्रीतम। 1936 और 1943 के बीच कविताओं के आधा दर्जन संग्रह का अनुसरण किया गया। यद्यपि उसने एक रोमांटिक कवि के रूप में अपनी यात्रा शुरू की, जल्द ही उसने गियर्स को स्थानांतरित कर दिया, और प्रगतिशील लेखकों के आंदोलन का हिस्सा बन गया और इसका प्रभाव उसके संग्रह लोक पे ("पीपुल्स एंगुइश", 1944) में देखा गया, जिसने खुले तौर पर युद्ध की आलोचना की- 1943 के बंगाल के अकाल के बाद फटी हुई अर्थव्यवस्था। वह कुछ हद तक सामाजिक कार्यों में भी शामिल थीं और आजादी के बाद ऐसी गतिविधियों में पूरे दिल से भाग लिया, जब सामाजिक कार्यकर्ता गुरु राधा किशन ने दिल्ली में पहली कैंब्रिज लाइब्रेरी लाने की पहल की, जो थी बलराज साहनी और अरुणा आसफ अली ने उद्घाटन किया और इस अवसर पर योगदान दिया। यह अध्ययन केंद्र सह पुस्तकालय अभी भी क्लॉक टॉवर, दिल्ली में चल रहा है। उन्होंने भारत के विभाजन से पहले कुछ समय के लिए लाहौर के एक रेडियो स्टेशन में भी काम किया था। 1947 में भारत के विभाजन के बाद हुई सांप्रदायिक हिंसा से दस लाख लोग, हिंदू, सिख और मुसलमान मारे गए, और 28 साल की उम्र में अमृता प्रीतम को पंजाबी शरणार्थी छोड़ दिया, जब वह लाहौर छोड़कर नई दिल्ली चली गईं थी। अमृता प्रीतम ने 1961 तक ऑल इंडिया रेडियो, दिल्ली की पंजाबी सेवा में काम किया। 1960 में तलाक के बाद, उनका काम अधिक नारीवादी हो गया। उनकी कई कहानियाँ और कविताएँ उनकी शादी के दुखी अनुभव पर आकर्षित हुईं। उनके कई कार्यों का अंग्रेजी, फ्रेंच, डेनिश, जापानी, मंदारिन, और पंजाबी और उर्दू से अन्य भाषाओं में अनुवाद किया गया है, जिसमें उनकी आत्मकथात्मक रचनाएं ब्लैक रोज और रसीडी टिकट (राजस्व टिकट) शामिल हैं।
अमृता प्रीतम के पुरस्कार और सम्मान
अमृता जी को कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया, जिनमें प्रमुख हैं 1956 में साहित्य अकादमी पुरस्कार, 1958 में पंजाब सरकार के भाषा विभाग द्वारा पुरस्कार, 1988 में बल्गारिया वैरोव पुरस्कार; (अन्तर्राष्ट्रीय) और 1982 में भारत के सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार ज्ञानपीठ पुरस्कार। वे पहली महिला थीं जिन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला और साथ ही साथ वे पहली पंजाबी महिला थीं जिन्हें 1969 मेंपद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया।
पुरस्कार और सम्मान की सूची (List of Awards)
वर्ष | पुरस्कार और सम्मान | पुरस्कार देने वाला देश एवं संस्था |
1956 | साहित्य अकादमी पुरस्कार | साहित्य अकादमी, भारत सरकार |
1969 | पद्मश्री | भारत सरकार |
1973 | डॉक्टर ऑफ़ लिटरेचर | दिल्ली युनिवर्सिटी |
1973 | डॉक्टर ऑफ़ लिटरेचर | जबलपुर युनिवर्सिटी |
1979 | ऑर्ड्रे डेस आर्ट्स एट डेस लेट्रेस (ऑफिसर) की उपाधि | फ्रेंच सरकार |
1988 | अंतर्राष्ट्रीय वापत्सरोव पुरस्कार | बुल्गारिया |
1982 | भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार | भारत सरकार |
1987 | डॉक्टर ऑफ़ लिटरेचर | विश्व भारती शांतिनिकेतन |
2004 | पद्म विभूषण | भारत सरकार |
भारत के अन्य प्रसिद्ध कवि
व्यक्ति | उपलब्धि |
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आशापूर्णा देवी की जीवनी | ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रथम भारतीय महिला |
रविंद्रनाथ टैगोर की जीवनी | नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रथम भारतीय व्यक्ति |
नीचे दिए गए प्रश्न और उत्तर प्रतियोगी परीक्षाओं को ध्यान में रख कर बनाए गए हैं। यह भाग हमें सुझाव देता है कि सरकारी नौकरी की परीक्षाओं में किस प्रकार के प्रश्न पूछे जा सकते हैं। यह प्रश्नोत्तरी एसएससी (SSC), यूपीएससी (UPSC), रेलवे (Railway), बैंकिंग (Banking) तथा अन्य परीक्षाओं में भी लाभदायक है।
महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर (FAQs):
- प्रश्न: आज आखां वारिस शाह नु कविता किसने लिखी थी?उत्तर: अमृता प्रीतम
- प्रश्न: 1982 में "भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार" से किसे नवाज़ा गया था?उत्तर: अमृता प्रीतम
- प्रश्न: अमृता प्रीतम को कब मध्य राज्यसभा के सदस्य के रूप में भी नामित किया गया था?उत्तर: 1986-92
- प्रश्न: भारत सरकार द्वारा साहित्य के क्षेत्र में किये गए उल्लेखनीय कार्यो के लिए अमृता प्रीतम को कब पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था?उत्तर: 1969
- प्रश्न: 1979 में बुल्गारिया गणराज्य द्वारा अंतर्राष्ट्रीय वाप्त्तोव पुरस्कार से किसे सम्मानित किया गया था?उत्तर: अमृता प्रीतम