विश्व के प्रसिद्ध लेखकों का जीवन परिचय (Biography of World Famous Authors in Hindi): इस अध्याय में आप विश्व के प्रसिद्ध लेखकों की जीवनी से संबंधित विषयों को पढ़ेंगे। उनके व्यक्तिगत जीवन के बारे में विस्तार से जनेगें, जैसे उनके जन्म से जुड़ी जानकारी, उनके प्रारम्भिक जीवन से जुड़ी जानकारी, उनके माता-पिता का नाम, प्रारम्भिक शिक्षा व उच्च स्तरीय शिक्षा, करियर, उपलब्धियां और उनको मिले राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार और सम्मान आदि के बारे में जनेगें।

विश्व के प्रसिद्ध लेखक (14 LESSONS)

01-Jun-1842 - 09-Jan-1923 - सत्येन्द्र नाथ टैगोर इंडियन सिविल सर्विस (आईसीएस) की परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले प्रथम भारतीय थे। वह एक लेखक भी थे। सत्येन्द्र नाथ टैगोर का जन्म 01 जून 1842 को कलकत्ता में हुआ था। उनके पिता देवेन्द्रनाथ टैगोर और माता शारदा देवी थीं। उन्होंने घर पर ही संस्कृत और अंग्रेजी सीखी। वह 1857 में कलकत्ता विश्वविद्यालय के प्रवेश परीक्षाओं में उपस्थित होने वाले छात्रों के पहले बैच का हिस्सा थे।

07-May-1861 - 07-Aug-1941 - रविंद्रनाथ टैगोर एक विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार और दार्शनिक थे। वे अकेले ऐसे भारतीय साहित्यकार हैं जिन्हें नोबेल पुरस्कार मिला है। 16 साल की उम्र में ‘भानुसिम्हा' उपनाम से उनकी कवितायेँ प्रकाशित भी हो गयीं। वह घोर राष्ट्रवादी थे और ब्रिटिश राज की भर्त्सना करते हुए देश की आजादी की मांग की। जलिआंवाला बाग हत्याकांड के बाद उन्होंने अंग्रेजों द्वारा दी गयी “नाइटहुड की उपाधि” को भी त्याग दिया था।

03-Jun-1901 - 02-Feb-1978 - गोविन्द शंकर कुरुप या जी शंकर कुरुप मलयालम भाषा के प्रसिद्ध कवि थे। उनकी प्रसिद्ध रचना ‘ओटक्कुष़ल' अर्थात ‘बाँसुरी' भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले साहित्य के सर्वोच्च सम्मान ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार'से सम्मानित हुई थी। ‘महाकवि' गोविंद शंकर कुरुप की 40 से अधिक मौलिक और अनूदित कृतियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं। , जिसमें 25 काव्यशास्त्र, लघु कथाएँ, संस्मरण, नाटक और गद्य शामिल हैं इसके पश्चात भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया ।

10-Oct-1912 - 30-May-2000 - डा० राम विलास शर्मा आधुनिक हिन्दी साहित्य के सुप्रसिद्ध आलोचक, निबंधकार, विचारक एवं कवि थे। वे अंग्रेजी के प्रोफेसर भी थे। डा. रामविलास शर्मा भारत के प्रथम ‘व्यास सम्मान' विजेता थे। रामविलास शर्मा ने अपनी सुदीर्घ लेखन यात्रा में लगभग 100 महत्वपूर्ण पुस्तकों का सृजन किया था। जिनमें ‘भारतेंदु युग', ‘महावीरप्रसाद द्विवेदी और हिन्दी नवजागरण', ‘निराला की साहित्य साधना', ‘भारत में अंग्रेज़ी राज और मार्क्सवाद', ‘पश्चिमी एशिया और ऋग्‍वेद', ‘भारतीय नवजागरण और यूरोप', ‘भारतीय संस्कृति और हिन्दी प्रदेश', ‘गाँधी, आंबेडकर, लोहिया और भारतीय इतिहास की समस्याएँ, जैसी कालजयी रचनाएँ शामिल हैं।

08-Jan-1909 - 13-Jul-1995 - आशापूर्णा देवी एक प्रसिद्ध बंगाली कवयित्री और उपन्यासकार थीं। इनका परिवार एक मध्यमवर्गीय परिवार था। इनके पिता एक अच्छे चित्रकार थे और इनकी माता की बांग्ला साहित्य में गहरी रुचि थी। पिता की चित्रकारी में रुचि और माँ के साहित्य प्रेम की वजह से आशापूर्णा देवी को उस समय के जाने-माने साहित्यकारों और कला शिल्पियों से निकट परिचय का अवसर मिला। उनकी प्रमुख रचनाएँ निम्न है जैसे; स्वर्णलता, प्रथम प्रतिश्रुति, प्रेम और प्रयोजन, बकुलकथा, गाछे पाता नील, जल, आगुन आदि। उन्हें 1976 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यह पुरस्कार प्राप्त करने वाली वे पहली महिला हैं।

24-Nov-1961 - अरुंधति राय अंग्रेजी की सुप्रसिद्ध भारतीय लेखिका और समाजसेवी हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत अभिनय से की थी। उन्होंने मैसी साहब फिल्म में प्रमुख भूमिका निभाई हैं। अरुंधति राय ने लेखन के अलावा नर्मदा बचाओ आंदोलन समेत भारत के दूसरे जनांदोलनों में भी हिस्सा लिया है। हाल ही में उनकी पुस्तक 'The Doctor and the saint:the ambedkar-Gandhi Debate' पुस्तक बहुत चर्चा में है जिसका हिन्दी अनुवाद 'एक था डॉक्टर एक था सन्त' है|

21-Jan-1944 - प्रतिभा राय ओड़िया भाषा की एक मशहूर लेखिका हैं। उन्होंने अपने उपन्यासों के माध्यम से सामाजिक अन्याय और भष्ट्राचार के विरुद्ध आवाज़ बुलंद की। उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय साहित्यिक और शैक्षिक सम्मेलनों में भाग लेने के लिए भारत के अंदर बहुत बड़े पैमाने पर यात्रा की है। इनको 2011में 47वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।इनके अब तक 20 उपन्यास, 24 लघुकथा संग्रह, 10 यात्रा वृत्तांत, दो कविता संग्रह और कई निबंध प्रकाशित हो चुके हैं।

03-Jan-1831 - 10-Mar-1897 - सावित्रीबाई फुले भारत की प्रथम महिला शिक्षिका, समाज सुधारिका एवं मराठी कवयित्री थीं। उन्होंने अपने पति ज्योतिराव गोविंदराव फुले के साथ मिलकर स्त्रियों के अधिकारों के लिए बहुत से कार्य किए। सावित्रीबाई भारत के प्रथम कन्या विद्यालय में प्रथम महिला शिक्षिका थीं।

13-Feb-1879 - 02-Mar-1949 - सरोजिनी नायडू भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष थीं। आजादी के बाद वो देश की पहली महिला राज्यपाल चुनी गयी थी। वह एक कवयित्री और राजनितिज्ञ थी। रवींद्रनाथ टैगोर ने उन्हें पहली बार 'भारत कोकिला' कहा था। सरोजिनी नायडू को कवि के रूप में महात्मा गांधी द्वारा 'नाइटिंगेल ऑफ इंडिया' के लिए सम्मान दिया था ।

01-Aug-1919 - 31-Oct-2005 - यह एक भारतीय लेखक और कवि थी। अमृता प्रीतम को पंजाबी भाषा की पहली कवयित्री माना जाता है। उन्होंने कुल मिलाकर लगभग 100 पुस्तकें लिखी हैं जिनमें उनकी चर्चित आत्मकथा ‘रसीदी टिकट' भी शामिल है। इनकी कृतियों का अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ था| उन्हें अपनी पंजाबी कविता अज्ज आखाँ वारिस शाह नूँ के लिए बहुत प्रसिद्धी प्राप्त हुई थी| 1982 में इन्हें भारत के सर्वोच्च साहित्त्यिक पुरस्कार ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था|

09-Nov-1877 - 21-Apr-1938 - मोहम्मद इक़बाल अविभाजित भारत के प्रसिद्ध कवि, नेता और दार्शनिक थे। उर्दू और फ़ारसी में इनकी शायरी को आधुनिक काल की सर्वश्रेष्ठ शायरी में गिना जाता है। इक़बाल मसऊदी ने हिंदुस्तान की आज़ादी से पहले 'तराना-ए-हिन्द' लिखा था, जिसके प्रारंभिक बोल- 'सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा' थे |

08-Dec-1897 - 29-Apr-1960 - पंडित कवि बालकृष्ण शर्मा नवीन हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध भारतीय कवि, गद्यकार और अद्वितीय वक्ता थे। पढ़ाई छोड़ने के बाद बालकृष्ण शर्मा नवीन पूरी तरह देश भक्ति के रंग में रंग गए तथा राष्ट्रीय आन्दोलन में भाग लेने के कारण इनकी पहली गिरफ्तारी 1921 में प्रयाग में हुई। इनके जेल के साथियों में पंडित जवाहरलाल नेहरु, राजर्षि, पुरुषोतम टंडन, देवदास गांधी आदि राष्ट्रनेता थे।

09-Sep-1850 - 06-Jan-1885 - भारतेन्दु हरिश्चंद्र को आधुनिक हिंदी साहित्य का पितामह कहा जाता हैं। बाबू भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का जन्म काशी नगरी के प्रसिद्ध ‘सेठ अमीचंद' के वंश में 09 सितम्बर सन् 1850 को हुआ था। वे हिन्दी में आधुनिकता के पहले रचनाकार थे। हिंदी पत्रकारिता, नाटक और काव्य के क्षेत्र में उनका बहुमूल्य योगदान रहा है। भारतेन्दु के नाटक लिखने की शुरुआत बंगला के विद्यासुंदर (1867) नाटक के अनुवाद से होती है।

27-Jun-1838 - 08-Apr-1894 - बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय बंगाल के प्रकाण्ड विद्वान् तथा महान् कवि और उपन्यासकार थे। 1874 में प्रसिद्ध देश भक्ति गीत वन्देमातरम् की रचना की जिसे बाद में आनन्द मठ नामक उपन्यास में शामिल किया गया था। वन्देमातरम् गीत को सबसे पहले 1896 में कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया था।

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