मुख्य चुनाव आयुक्त किसे कहते है?:
मुख्य चुनाव आयुक्त अथवा मुख्य निर्वाचन आयुक्त भारत में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से राष्ट्र और राज्य के चु्नाव करवाने का जिम्मेदार होता हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति भारत का राष्ट्रपति करता है। चुनाव आयोग के प्रमुख के रूप में वर्तमान में एक मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्त होते हैं।
भारत के वर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त कौन है?
भारत के वर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार है। राजीव कुमार ने 15 मई 2022 को पदभार ग्रहण किया था। उन्होंने सुशील चंद्रा का स्थान लिया था। 6 जुलाई 1951 को जन्मे राजीव कुमार एक भारतीय अर्थशास्त्री हैं। राजीव कुमार बिहार/झारखंड कैडर के 1984 बैच के सेवानिवृत्त IAS अधिकारी हैं। वह फरवरी 2020 में IAS से सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), SBI और नाबार्ड के केंद्रीय बोर्ड के निदेशक के रूप में कार्य किया। उन्होंने कई बोर्डों और समितियों के सदस्य के रूप में भी कार्य किया। उन्हें अप्रैल 2020 में सार्वजनिक उद्यम चयन बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था।
मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल कितने वर्ष का होता है?
मुख्य चुनाव आयुक्त/मुख्य निर्वाचन आयुक्त का मुख्य निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल पद ग्रहण की तिथि से 6 वर्ष या 65 वर्ष होगा (जो पहले आये)। अन्य आयुक्तों का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष होगा। (जो पहले आये)। प्रोटोकाल में चुनाव आयुक्त/निर्वाचन आयुक्त का सम्मान और वेतन भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के सामान होता है। मुख्य चुनाव आयुक्त को संसद द्वारा महाभियोग के द्वारा ही हटाया जा सकता हैं।
1950 से अब तक भारत के मुख्य चुनाव आयुक्तों की सूची:
मुख्य चुनाव आयुक्त का नाम | कार्यकाल का प्रारंभ | कार्यकाल समाप्ति |
सुकुमार सेन | 21 मार्च 1950 | 19 दिसम्बर 1958 |
के. वी. के. सुंदरम | 20 दिसम्बर 1958 | 30 सितम्बर 1967 |
एस. पी. सेन वर्मा | 01 अक्तूबर 1967 | 30 सितम्बर 1972 |
डा. नागेन्द्र सिंह | 01 अक्तूबर 1972 | 06 फरवरी 1973 |
टी. स्वामीनाथन | 07 फरवरी 1973 | 17 जून 1977 |
एस. एल. शकधर | 18 जून 1977 | 17 जून 1982 |
आर. के. त्रिवेदी | 18 जून 1982 | 31 दिसम्बर 1985 |
आर. वी. एस शास्त्री | 01 जनवरी 1986 | 25 नवम्बर 1990 |
वी. एस. रमादेवी | 26 नवम्बर 1990 | 11 दिसम्बर 1990 |
टी. एन. शेषन | 12 दिसम्बर 1990 | 11 दिसम्बर 1996 |
एम. एस. गिल | 12 दिसम्बर 1996 | 13 जून 2001 |
जे. एम. लिंगदोह | 14 जून 2001 | 07 फरवरी 2004 |
टी. एस. कृष्णमूर्ति | 08 फरवरी 2004 | 15 मई 2005 |
बी. बी. टंडन | 16 मई 2005 | 28 जून 2006 |
एन. गोपालस्वामी | 29 जून 2006 | 20 अप्रैल 2009 |
नवीन चावला | 21 अप्रैल 2009 | 29 जुलाई 2010 |
शाहबुद्दीन याकूब कुरैशी | 30 जुलाई 2010 | 10 जून 2012 |
वी. एस. संपत | 11 जून 2012 | 15 जनवरी 2015 |
हरि शंकर ब्रह्मा | 16 जनवरी 2015 | 18 अप्रैल 2015 |
डॉ. नसीम जैदी | 19 अप्रैल 2015 | 06 जुलाई 2017 |
अचल कुमार ज्योति | 06 जुलाई 2017 | 22 जनवरी 2018 |
ओम प्रकाश रावत | 23 जनवरी 2018 | 30 नवम्बर 2018 |
सुनील अरोड़ा | 02 दिसम्बर 2018 | 12 अप्रैल 2021 |
सुशील चंद्रा | 13 अप्रैल 2021 | 14 मई 2022 |
राजीव कुमार | 15 मई 2022 | वर्तमान |
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मुख्य चुनाव आयुक्त प्रश्नोत्तर (FAQs):
भारत में मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत, राष्ट्रपति को भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त और उसके सदस्यों को नियुक्त करने का अधिकार है। यह नियुक्ति हाई कोर्ट और केंद्र सरकार की सलाह के आधार पर की गई है.
21 जनवरी 2018 को, श्री ओ. पी. रावत (ओ.पी. रावत) को भारत के नए मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया। उन्हें राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द द्वारा नियुक्ति मिली। वरीयता ओ. पी. रावत जनवरी 2018 से 1 दिसंबर 2018 तक मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर रहे.
डॉ. नागेन्द्र सिंह 01 अक्टूबर 1972 से 06 फरवरी 1973 तक भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर रहे। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान इस महत्वपूर्ण पद का कार्य सम्पादित किया था।
वीएस रमादेवी एमए, एलएलएम, 26 नवंबर 1990 से 11 दिसंबर 1990 तक भारत की मुख्य चुनाव आयुक्त थीं। वह भारत की मुख्य चुनाव आयुक्त का पद संभालने वाली पहली महिला थीं।
सुकुमार सेन भारत के पहले मुख्य चुनाव आयुक्त थे जो 21 मार्च 1950 से 19 दिसंबर 1958 तक इस पद पर रहे। उनकी सेवाओं के लिए उन्हें 1954 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।