भारत के सभी राज्यों के वर्तमान राज्यपाल एवं उप-राज्यपाल:
राज्यपाल किसे कहते है?
भारत गणराज्य में राज्यपाल 28 राज्यों में राज्य प्रमुख का संवैधानिक पद होता है। राज्यपाल की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति 5 वर्ष के लिए करते हैं और वे राष्ट्रपति की मर्जी पर पद पर रहते हैं। राज्यपाल राज्य सरकार का विधित मुखिया होता है जिसकी कार्यकारी कार्रवाई राज्यपाल के नाम पर सम्पन्न होती है।
सभी 28 भारतीय राज्यों के वर्तमान राज्यपालों की सूची:
राज्य का नाम | राज्यपाल का नाम और पदग्रहण (कार्यकाल अवधि) |
अरुणाचल प्रदेश | लेफ्टिनेंट जनरल कैवल्य त्रिविक्रम परनाइक (12 फ़रवरी 2023) |
असम | गुलाब चंद कटारिया (12 फ़रवरी 2023) |
आंध्र प्रदेश | एस अब्दुल नज़ीर (12 फ़रवरी 2023) |
उत्तर प्रदेश | आनंदीबेन पटेल (29 जुलाई 2019) |
उत्तराखंड | गुरमीत सिंह (जनरल) (15 सितंबर 2021) |
ओडिशा | रघुबर दास (19 अक्टूबर 2023) |
कर्नाटक | थावरचंद गहलोत (07 जुलाई 2021) |
केरल | आरिफ मोहम्मद खान (06 सितम्बर 2019) |
गुजरात | आचार्य देवव्रत (22 जुलाई 2019) |
गोवा | पी एस श्रीधरन पिल्लई (07 जुलाई 2021) |
छत्तीसगढ़ | बिस्वा भूषण हरिचंदन (12 फ़रवरी 2023) |
झारखण्ड | सीपी राधाकृष्णन (12 फ़रवरी 2023) |
तमिलनाडु | रवींद्र नारायण रवि (18 सितंबर 2021) |
तेलंगाना | डॉ तमिलिसाई सौंदराराजन (08 सितम्बर 2019) |
त्रिपुरा | इंद्र सेना रेड्डी (19 अक्टूबर 2023) |
नागालैण्ड | ला गणेशन (12 फ़रवरी 2023) |
पंजाब | बनवारीलाल पुरोहित (31 अगस्त, 2021) |
पश्चिम बंगाल | जगदीप धनखड़ (30 जुलाई 2019) |
बिहार | राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर (12 फ़रवरी 2023) |
मणिपुर | ला. गणेशन (27 अगस्त 2021) |
मध्य प्रदेश | मंगूभाई छगनभाई पटेल (06 जुलाई 2021) |
महाराष्ट्र | रमेश बैस (12 फ़रवरी 2023) |
मिजोरम | डॉ.हरि बाबू कमभमपति (07 जुलाई 2021) |
मेघालय | तथागत राय (27 जनवरी 2020) |
राजस्थान | कलराज मिश्र (09 सितम्बर 2019) |
सिक्किम | लक्ष्मण प्रसाद आचार्य (12 फ़रवरी 2023) |
हरियाणा | बंडारू दत्तात्रेय (07 जुलाई 2021) |
हिमाचल प्रदेश | शिव प्रताप शुक्ला (12 फ़रवरी 2023) |
भारत के केन्द्रशासित प्रदेशों के वर्तमान प्रशासक और उप-राज्यपालों की सूची:-
केन्द्रशासित प्रदेश | नाम और पद ग्रहण(कार्यकाल अवधि) |
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह (उपराज्यपाल) | एडमिरल डी के जोशी (लेफ्टिनेंट गवर्नर) (08 अक्टूबर 2017) |
जम्मू और कश्मीर (उपराज्यपाल) | मनोज सिन्हा (लेफ्टिनेंट गवर्नर) (07 अगस्त 2020) |
लद्दाख (उपराज्यपाल) | राधाकृष्ण माथुर (उप-राज्यपाल) (31 अक्टूबर 2019) |
चण्डीगढ़ (प्रशासक) | बनवारीलाल पुरोहित (प्रशासक) (31 अगस्त, 2021) |
दमन और दीव (प्रशासक) | प्रफुल्ल पटेल (प्रशासक) (29 अगस्त, 2016) |
दादरा और नगर हवेली (प्रशासक) | प्रफुल्ल पटेल (प्रशासक) (30 दिसम्बर, 2016) |
दिल्ली (उपराज्यपाल) | अनिल बैजल (लेफ्टिनेंट गवर्नर) (31 दिसम्बर, 2016) |
पुदुच्चेरी (उपराज्यपाल) | डॉ तमिलिसाई सौंदराराजन (अतिरिक्त प्रभार) (लेफ्टिनेंट गवर्नर) (18 फरवरी 2021) |
लक्षद्वीप (प्रशासक) | प्रफुल्ल पटेल (प्रशासक) (अतिरिक्त प्रभार) (5 दिसंबर, 2020) |
राज्यपाल के पद के लिए कौन-कौन सी योग्ताएं होनी चाहिए?
अनुच्छेद 157 के अनुसार राज्यपाल पद पर नियुक्त किये जाने वाले व्यक्ति में निम्नलिखित योग्यताओं का होना अनिवार्य है:-
- वह भारत का नागरिक हो।
- वह 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो।
- वह राज्य सरकार या केन्द्र सरकार या इन राज्यों के नियंत्रण के अधीन किसी सार्वजनिक उपक्रम में लाभ के पद पर न हो
- वह राज्य विधानसभा का सदस्य चुने जाने के योग्य हो।
राज्यपाल की नियुक्ति कौन करता है?
संविधान के अनुच्छेद 155 के अनुसार- राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा प्रत्यक्ष रूप से की जाएगी, किन्तु वास्तव में राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा भारत के प्रधानमंत्री की सिफ़ारिश पर की जाती है। राज्यपाल की नियुक्ति के सम्बन्ध में निम्न दो प्रकार की प्रथाएँ बन गयी थीं:-
- किसी व्यक्ति को उस राज्य का राज्यपाल नहीं नियुक्त किया जाएगा, जिसका वह निवासी है।
- राज्यपाल की नियुक्ति से पहले सम्बन्धित राज्य के मुख्यमंत्री से विचार विमर्श किया जाएगा।
यह प्रथा 1950 से 1967 तक अपनायी गयी, लेकिन 1967 के चुनावों में जब कुछ राज्यों में गैर कांग्रेसी सरकारों का गठन हुआ, तब दूसरी प्रथा को समाप्त कर दिया गया और मुख्यमंत्री से विचार विमर्श किए बिना राज्यपाल की नियुक्ति की जाने लगी।
राज्यपाल का वेतन और भत्ते
वर्ष 2020 के अनुसार भारत के राज्यों के राज्यपाल का वेतन 3 लाख 50 हजार रुपये और उप राज्यपाल का वेतन 1 लाख 10 हजार प्रतिमाह है। साथ ही राज्यपाल को निःशुल्क सरकारी आवास उपलब्ध कराया जाता है। वह वे सभी वेतन, भत्ते तथा ऐसे विशेषाधिकारों का उपभोग करने का अधिकारी है, जो राज्यपाल (परिलब्धियां, भत्ते एवं विशेषाधिकार) अधिनियम, 1982 में विनिर्दिष्ट हैं।
राज्यपाल की शक्तियाँ, कार्य और विशेषाधिकार:
राज्यपाल को निम्नलिखित विशेषाधिकार तथा उन्मुक्तियाँ प्राप्त हैं:-
- राज्यपाल अपने पद की शक्तियों के प्रयोग तथा कर्तव्यों के पालन के लिए किसी न्यायालय के प्रति उत्तरदायी नहीं है।
- राज्यपाल की पदावधि के दौरान उसके विरुद्ध किसी भी न्यायालय में किसी भी प्रकार की आपराधिक कार्यवाही प्रारम्भ नहीं की जा सकती।
- जब राज्यपाल पद पर आरूढ़ हो, तब उसकी गिरफ्तारी या कारावास के लिए किसी भी न्यायालय से कोई आदेशिका जारी नहीं की जा सकती।
- राज्यपाल का पद ग्रहण करने से पूर्व या पश्चात उसके द्वारा व्यक्तिगत क्षमता में किये गये कार्य के सम्बन्ध में कोई सिविल कार्यवाही करने के पहले उसे दो मास पूर्व सूचना देनी पड़ती है।
अब संबंधित प्रश्नों का अभ्यास करें और देखें कि आपने क्या सीखा?
☞ भारत के राज्यपाल से संबंधित प्रश्न उत्तर 🔗
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भारतीय राज्यों के राज्यपाल प्रश्नोत्तर (FAQs):
राज्यपाल राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यन्त अर्थात जब तक राष्ट्रपति की इच्छा हो, अपने पद पर बना रहता है। राज्यपाल अपने पद से त्यागपत्र दे सकता है अन्यथा वह अपना पद ग्रहण करने की तिथि से लेकर पांच वर्ष तक अपने पद पर रह सकता है। विधानसभा द्वारा पारित कोई भी विधेयक राज्यपाल की स्वीकृति के बाद कानून बन जाता है।
स्वतंत्र भारत में किसी राज्य की पहली महिला राज्यपाल श्रीमती सरोजिनी नायडू बनी थी। वे 15 अगस्त 1947 से 02 मार्च 1949 तक संयुक्त प्रांत के राज्यपाल के पद पर कार्यरत रहीं।
पश्चिम बंगाल के प्रथम राज्यपाल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी थे। वे भारत के वकील, लेखक, राजनीतिज्ञ और दार्शनिक थे। उन्हें राजाजी नाम से भी जाना जाता है।
कमला बेनीवाल को 6 जुलाई 2014 को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा मिजोरम के नए राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया था। वह त्रिपुरा और गुजरात की पूर्व राज्यपाल रह चुकी हैं और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सबसे वरिष्ठ राजनीतिज्ञ हैं।
भारतीय राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 3 सितंबर 2014 को पी सदाशिवम को केरल के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया। पलानीस्वामी सदाशिवम एक भारतीय न्यायाधीश हैं जिन्होंने 2013 से 2014 तक भारत के 40वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया।