भारतीय संविधान के 22 भाग, 465 अनुच्छेद एवं 12 अनुसूचियाँ:
भारत, संसदीय प्रणाली की सरकार वाला एक प्रभुसत्ता सम्पन्न, समाजवादी धर्मनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य है। यह गणराज्य भारत के संविधान के अनुसार शासित है। संविधान बनाने वाली कमिटी के अध्यक्ष डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर को बनाया गया था। भारतीय संविधान का निर्माण डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर ने 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिन में किया। भारत का संविधान 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ। 26 जनवरी का दिन भारत में गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
26 जनवरी का इतिहास
दिसम्बर 1929 में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन तत्कालीन पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में हुआ और इसकी अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी। इस अधिवेशन में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने "पूर्ण स्वराज्य" के प्रस्ताव को पेश करके संपूर्ण भारत में क्रान्ति ला दी थी, उन्होने 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने का निश्चय किया जिसके बाद 26 जनवरी 1930 को पूरे देश में अलग-अलग जगाहों पर सभाओं का आयोजन किया गया,
जिनमें सभी लोगों ने सामूहिक रूप से स्वतंत्रता प्राप्त करने की शपथ ली और झंडा फहराया गया परंतु भारत 26 जनवरी के बजाए 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ था जिसके बाद से इस दिन के इतिहास को जिंदा रखने के लिए भारतीय संविधान को 26 जनवरी 1950 में लागू किया गया था।
भारतीय संविधान की विशेषताएं :
- भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है।
- भारतीय संविधान को बनने में लगभग 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था।
- भारतीय संविधान 26 नवम्बर 1949 को बनकर तैयार हो चुका था लेकिन इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था, जिस कारण भारत प्रत्येक वर्ष 26 नवम्बर को संविधान दिवस और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाता है।
- भारतीय संविधान की सबसे बड़ी विशेषता यह है की यह भारत को एक लोकतांत्रिक देश घोषित करने के साथ-साथ भारत के नागरिकों को 6 मौलिक अधिकार, राज्य नीति के निर्देशक और 11 मौलिक कर्तव्य उपलब्ध कराता है।
- भारतीय संविधान जब बनकर तैयार हुआ तो इसमे केवल में 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थी जो 22 भागों में विभाजित थी परंतु अब भारतीय संविधान में 465 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां हैं जो 22 भागों में विभाजित है।
- भारत का संविधान न तो ज्यादा कठोर है और न ही ज्यादा लचीला। कठोर संविधान का अर्थ है कि संविधान में संशोधन के लिए कुछ ज्यादा ही विशेष प्रकार की प्रक्रियाओं की जरूरत होती है जबकि लचीला संविधान वह होता है जिसमें संशोधन आसानी से किया जा सकता है, और भारतीय संविधान इन दोनों का ही मिश्रित रूप है।
- भारतीय संविधान भारत को एक धर्मनिरपेक्ष देश भी घोषित करता है, जिस कारण भारत में मौजूद सभी धर्मों को देश में समान संरक्षण और समर्थन मिलता है।
- भारतीय संविधान भारत को संघवाद वाला देश भी घोषित करता है जिस कारण भारत के संघ/ केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सत्ता के बंटवारे का उचित प्रावधान किया गया है। भारत संघवाद होने के बावजूद भी भारतीय नागरिकों को इकहरी नागरिकता प्रदान करता है।
- भारतीय संविधान भारत में न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका की भी स्थापना करता है और यही यह निर्णय भी करता है की भारत की सरकार का स्वरूप संसदीय हो, जिसके तहत भारत में दो सदनों लोकसभा और राज्य सभा वाली विधायिका होगी।
- भारत के संविधान में सरकार के संसदीय स्वरूप की व्यवस्था की गई है जिसकी संरचना कुछ अपवादों के अतिरिक्त संघीय है। केन्द्रीय कार्यपालिका का सांविधानिक प्रमुख राष्ट्रपति है। भारत के संविधान की धारा 79 के अनुसार, केन्द्रीय संसद की परिषद् में राष्ट्रपतितथा दो सदन है जिन्हें राज्यों की परिषद (राज्यसभा) तथा लोगों का सदन (लोकसभा) के नाम से जाना जाता है। संविधान की धारा 74 में यह व्यवस्था की गई है कि राष्ट्रपति की सहायता करने तथा उसे सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगा जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री होगा, राष्ट्रपति इस मंत्रिपरिषद की सलाह के अनुसार अपने कार्यों का निष्पादन करेगा। इस प्रकार वास्तविक कार्यकारी शक्ति मंत्रिपरिषद् में निहित है जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री है जो वर्तमान में नरेन्द्र मोदी हैं।
भारतीय संविधान के भाग, अनुच्छेद एवं अनुसूचियों की सूची :-
भाग | सम्बंधित क्षेत्र | अनुच्छेद |
भाग 1 | संघ और उसके क्षेत्र | अनुच्छेद 1-4 |
भाग 2 | नागरिकता | अनुच्छेद 5-11 |
भाग 3 | मूलभूत अधिकार | अनुच्छेद 12 - 35 |
भाग 4 | राज्य के नीति निदेशक तत्व | अनुच्छेद 36 - 51 |
भाग 4-ए | मूल कर्तव्य | अनुच्छेद 51A |
भाग 5 | संघ | अनुच्छेद 52-151 |
भाग 6 | राज्य | अनुच्छेद 152 -237 |
भाग 7 | संविधान (सातवाँ संशोधन) अधिनियम, 1956 द्वारा निरसित | |
भाग 8 | संघ राज्य क्षेत्र | अनुच्छेद 239-242 |
भाग 9 | पंचायत | अनुच्छेद 243- 243O |
भाग 9-ए | नगर्पालिकाएं | अनुच्छेद 243P - 243ZG |
भाग 10 | अनुसूचित और जनजाति क्षेत्र | अनुच्छेद 244 - 244A |
भाग 11 | संघ और राज्यों के बीच संबंध | अनुच्छेद 245 - 263 |
भाग 12 | वित्त, संपत्ति, संविदाएं और वाद | अनुच्छेद 264 -300A |
भाग 13 | भारत के राज्य क्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम | अनुच्छेद 301 - 307 |
भाग 14 | संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं | अनुच्छेद 308 -323 |
भाग 14-ए | अधिकरण | अनुच्छेद 323A - 323B |
भाग 15 | निर्वाचन | अनुच्छेद 324 -329A |
भाग 16 | कुछ वर्गों के लिए विशेष उपबंध संबंध | अनुच्छेद 330- 342 |
भाग 17 | राजभाषा | अनुच्छेद 343- 351 |
भाग 18 | आपात उपबंध | अनुच्छेद 352 - 360 |
भाग 19 | प्रकीर्ण | अनुच्छेद 361 -367 |
भाग 20 | संविधान के संशोधन | अनुच्छेद |
भाग 21 | अस्थाई संक्रमणकालीन और विशेष उपबंध | अनुच्छेद 369 - 392 |
भाग 22 | संक्षिप्त नाम, प्रारंभ, हिन्दी में प्राधिकृत पाठ और निरसन | अनुच्छेद 393 - 395 |
भारतीय संविधान के रोचक तथ्य:
- क्या आप जानते हैं भारतीय संविधान पूर्ण रूप से हस्त लिखित है, इसे प्रेम बेहारी नारायण रायजादा ने लिखा था।
- प्रस्तावना पृष्ठ, भारत के मूल संविधान के अन्य पन्नों के साथ-साथ जबलपुर के प्रसिद्ध चित्रकार बीओहर राममनोहर सिन्हा द्वारा तैयार किया गया था, जो उस समय नृत्याल नंदनल बोस के साथ शांतिनिकेतन में था।
- संविधान की मूल प्रति को आज भी हीलियम के अंदर डाल के भारतीय संसद की लाइब्रेरी में रखा गया है।
- संविधान के 22 भाग हैं जिनमे 465 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं। भारतीय संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है।
- भारतीय संविधान को तैयार करने में 2 साल 11 महीने 18 दिन का वक़्त लगा था।
- संविधान को पारित करने से पहले इस पर चर्चा की गयी थी जिसमे 2000 बदलाव किये गए थे।
- भारत का संविधान 26 नवंबर को तैयार कर लिया गया था मगर तत्कालीन सरकार के द्वारा इसे 26 जनवरी 1950 को लागू करवाया गया था। संविधान पारित होने के बाद सभी 284 संसद सदस्यों से इस पर हस्ताक्षर लिए गए जिनमे 15 महिला सदस्य भी शामिल हैं।
- भारतीय संविधान को कई संविधानों का मिश्रण कहा जाता है क्योँकि इसमें कई संविधानों के द्वारा मदद ली गयी थी।
- पांच वर्षीय योजना को रूस के संविधान से लिया गया था और मौलिक अधिकारों को अमेरिका के संविधान से लिया गया था।
- समानता , एकाधिकार और कई ऐसे अन्य अधिकार फ्रेंच रेवोलुशन से लिए गए थे। यह सारे अधिकार आज के सन्दर्भ में भी अतिमहत्वपूर्ण हैं।
- संविधान के शुरुआती शब्द अमेरिका के संविधान से प्रेरित हैं जिनका उल्लेख आज भी देखने को मिल जाता है।
- किसी भी नागरिक के मूलभूत अधिकार भी अमेरिकी संविधान से प्रेरित हैं।
- भारतीय संविधान की सार्थकता इस बात से सिद्ध हो जाती है की इसको पिछले 62 सालों से इस्तेमाल किया जा रहा है और अभी तक इसमें मात्र 92 बदलाव किये गए हैं।
- भारतीय सरकार द्वारा दिए जाने वाले पुरस्कार जैसे कि भारत रत्न, पद्म भूषण, कीति चक्र आदि गणतंत्र दिवस के दिन ही दिए जाते हैं।
- भारतीय संविधान में ऐसा नियम है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति व स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री देश को संबोधित (संबोधन) करेंगे।
अब संबंधित प्रश्नों का अभ्यास करें और देखें कि आपने क्या सीखा?
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भारतीय संविधान प्रश्नोत्तर (FAQs):
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 में 'समता के अधिकार' का प्रावधान है। इस अनुच्छेद में, सभी नागरिकों को समान अधिकारों का अवलंबन करने का अधिकार है। यह अनुच्छेद सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से सभी नागरिकों को समानता और न्याय की गारंटी प्रदान करने का महत्वपूर्ण आधार है।
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 17 "अस्पृश्यता" को समाप्त करता है। यह लेख दलितों, अति पिछड़ी जातियों, जाति-जनजातियों और अनुसूचित जनजातियों को समाज में आगे बढ़ाने, उन्हें सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से पुनर्वासित करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है।
मूल भारतीय संविधान में कुल 395 अनुच्छेद हैं। यह भारतीय संविधान की सबसे महत्वपूर्ण और मौलिक धाराओं में से एक है, जिसमें सरकार की संरचना, मौखिक और लिखित मानदंड, मौलिक अधिकार और कर्तव्य, नागरिकों की मौलिक स्वतंत्रता और समानता, न्यायपालिका का संविधान, राष्ट्रपति के कार्य का विवरण शामिल है।
संविधान के अनुच्छेद 243(डी) के तहत, पंचायतों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए सीटें आरक्षित हैं। इस लेख के अनुसार, पंचायती राज व्यवस्था के तहत ग्राम पंचायत, तालुका पंचायत और जिला परिषद में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटें होती हैं
भारत के संविधान में कुल मिलाकर 12 अनुसूचियाँ हैं। ये अनुसूचियाँ विभिन्न विषयों पर संविधान के संशोधन या आनुपातिक विवरण प्रस्तुत करती हैं, जैसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सूची, भाषाओं की सूची, जनजातियों की सूची, अनुसूचित जातियों की सूची आदि।