विश्व के प्रसिद्ध न्यायाधीशों का जीवन परिचय (Biography of World Famous Judges in Hindi): इस अध्याय में आप विश्व के प्रसिद्ध न्यायाधीशों की जीवनी से संबंधित विषयों को पढ़ेंगे। उनके व्यक्तिगत जीवन के बारे में विस्तार से जनेगें, जैसे उनके जन्म से जुड़ी जानकारी, उनके प्रारम्भिक जीवन से जुड़ी जानकारी, उनके माता-पिता का नाम, प्रारम्भिक शिक्षा व उच्च स्तरीय शिक्षा, करियर, उपलब्धियां और उनको मिले राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार और सम्मान आदि के बारे में जनेगें।

विश्व के प्रसिद्ध न्यायाधीश (12 LESSONS)

18-Mar-1914 - 11-Dec-1988 - महाराज श्री नागेंद्र सिंह एक भारतीय वकील और प्रशासक थे। वे भारत के उन तीन न्यायाधीशों में से एक थे, जो हेग में स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के अध्यक्ष पद पर रह चुके है। भारत के 18वें मुख्य न्यायाधीश आर. एस. पाठक और सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश दलवीर भंडारी अन्य दो व्यक्ति है जो इस पद पर रह चुके है।

03-Nov-1890 - 06-Nov-1951 - एच. जे. कनिया भारत के सर्वोच्च न्यायालय के भूतपूर्व न्यायाधीश रहे हैं। 26 जनवरी को जब स्वतंत्र भारत एक गणराज्य बना तो हरिलाल जेकिसुनदास कनिया देश के सर्वोच्च न्यायालय के पहले मुख्य न्यायाधीश बने और उन्होने भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के सामने अपनी शपथ ग्रहण की। उनका कार्यकाल 26 जनवरी 1950 से 06 नवम्बर 1951 तक रहा।

25-Nov-1926 - 13-Sep-2012 - रंगनाथ मिश्र देश के सर्वोच्च न्यायालय के भूतपूर्व न्यायाधीश रहे हैं। रंगनाथ मिश्र वर्ष 1993 में भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पहले अध्यक्ष चुने गए थे।वह इस्लाम के बाद राज्यसभा सदस्य बनने वाले दूसरे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश हैं

20-May-1990 - 28-Dec-1997 - सुमित्रानंदन पंत हिंदी साहित्य के एक मशहूर कवि थे। इस युग को जयशंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला' और रामकुमार वर्मा जैसे कवियों का युग कहा जाता है। सुमित्रानंदन पंत को हिन्दी का ‘वर्डस्वर्थ' कहा जाता है। सुमित्रानंदन पंत ऐसे साहित्यकारों में गिने जाते हैं, जिनका प्रकृति चित्रण समकालीन कवियों में सबसे बेहतरीन था। वर्ष 1968 में सुमित्रानंदन पंत को उनकी प्रसिद्ध कविता संग्रह “चिदम्बरा” के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

04-May-1905 - 20-Jul-1966 - जस्टिस अन्ना चांडी भारत की प्रथम महिला न्यायाधीश थीं और भारत के उच्च न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश भी थी। एलिजाबेथ लेन के दशकों से पहले वह पूरे एंग्लो-सैक्सन दुनिया में पहली महिला न्यायाधीश थी। वे साल 1928 में न्यायालयी सेवा में आयीं और उन्हें सर सी.पी.रामास्वामी द्वारा जिला न्यायाधीश (मुंसिफ) के रूप में नियुक्त किया गया।

1996 - नीरू चड्ढा एक प्रसिद्ध वकील हैं। वह समुद्र संबंधी कानून से जुड़े विवादों से निपटने वाली संयुक्त राष्ट्र न्यायिक संस्था ‘इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल फॉर द लॉ ऑफ द सी' की न्यायाधीश बनने वाली पहली भारतीय है। नीरू को 9 साल के कार्यकाल के लिए निर्वाचित हुईं।

20-Oct-1930 - 06-May-2017 - यह भारत की पहली ऐसी महिला है, जो उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायधीश बनी थी। इन्होने लंदन परीक्षा में शीर्ष स्थान प्राप्त किया था, तथा यह कारनामा करने वाली पहली भारतीय महिला थी। लीला सेठ राजन पिल्लै केस के जांच आयोग की सदस्य भी रह चुकी थीं। वे 2000 तक विधि आयोग में रहीं और ‘हिंदू सक्सेशन एक्ट' में संशोधन का श्रेय भी उन्हीं को जाता है।

30-Apr-1927 - फ़ातिमा बीबी सर्वोच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश हैं। इनकी विद्यालयी शिक्षा कैथीलोकेट हाई स्कूल, पथानामथिट्टा से हुई। उन्होने यूनिवर्सिटी कॉलेज, त्रिवेंद्रम से स्नातक और लॉ कॉलेज, त्रिवेंद्रम से एल एल बी किया। 14 नवम्बर 1950 को वे अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हुयी, मई, 1958 में केरल अधीनस्थ न्यायिक सेवा में मुंसिफ़ के रूप में नियुक्त हुई।

15-Nov-1974 - वनिता गुप्ता एक सिविल राईट्स वकील और अमेरिकी सिविल लिबर्टी यूनियन की सर्वोच्च वकील हैं। वह इस पद पर नियुक पाने वाली पहली दक्षिण एशियाई महिला हैं।

21-Jun-1947 - शिरीन एबादी एक ईरानी वकील, एक पूर्व न्यायाधीश और मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईरान में मानवाधिकार केंद्र के रक्षकों की संस्थापक हैं। उन्हें साल 1965 में तेहरान विश्वविद्यालय के कानून विभाग में भर्ती कराया गया था। उन्हें 2003 में शान्ति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह प्रथम मुसलमान महिला थी जो नोबेल पुरस्कार की विजेता थी| 1975 में, वह तेहरान शहर की अदालत की पहली महिला अध्यक्ष बनीं वह ईरान में पहली महिला न्यायाधीश भी थीं।

28-Aug-0195 - जस्ट‍िस जेएस खेहर भारत के 44वें मुख्य न्यायाधीश हैं। उन्होंने 04 जनवरी 2017 को प्रधान न्यायाधीश के पद की शपथ ग्रहण की और 27 अगस्त 2017 तक वे इस पद पर रहे। जस्टिस खेहर देश के पहले सिख चीफ जस्ट‍िस हैं। 64 साल के जस्टिस जे एस खेहर का पूरा नाम जगदीश सिंह खेहर है और लोग इन्हें इनके सख्त मिजाज की वजह से भी जानते हैं।

18-Jan-1842 - 16-Jan-1901 - महादेव गोविन्द रानाडे एक ब्रिटिश काल के भारतीय न्यायाधीश, लेखक एवं समाज-सुधारक थे। उन्हें “महाराष्ट्र का सुकरात” कहा जाता है। रानाडे ने समाज सुधार के कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था। प्रार्थना समाज, आर्य समाज और ब्रह्म समाज का इनके जीवन पर बहुत प्रभाव था।

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