राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लद्दाख के उपराज्यपाल के रूप में राधा कृष्णन माथुर के इस्तीफे को स्वीकार करते हुए 13 नए राज्यपाल नियुक्त किए। नए राज्यपालों की पूरी सूची इस प्रकार है:-

राज्यपाल किसे कहते है?

भारत गणराज्य में, राज्यपाल 28 राज्यों में राज्य के प्रमुख का संवैधानिक पद है। राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा पांच वर्ष की अवधि के लिए की जाती है और वह राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत पद धारण करता है। राज्यपाल राज्य सरकार का कानूनी प्रमुख होता है जिसके कार्यकारी कार्य राज्यपाल के नाम पर किए जाते हैं।

भारतीय राज्यों के वर्तमान राज्यपालों की सूची:-

राज्य का नाम राज्यपाल का नाम और  पदग्रहण (कार्यकाल अवधि)
अरुणाचल प्रदेश लेफ्टिनेंट जनरल कैवल्य त्रिविक्रम परनाइक  (12 फ़रवरी 2023)
असम गुलाब चंद कटारिया (12 फ़रवरी 2023)
आंध्र प्रदेश एस अब्दुल नज़ीर (12 फ़रवरी 2023)
उत्तर प्रदेश आनंदीबेन पटेल (29 जुलाई 2019)
उत्तराखंड गुरमीत सिंह (जनरल) (15 सितंबर 2021)
ओडिशा प्रो. गणेश लाल (29 मई 2018)
कर्नाटक थावरचंद गहलोत (07 जुलाई 2021)
केरल आरिफ मोहम्मद खान (06 सितम्बर 2019)
गुजरात आचार्य देवव्रत (22 जुलाई 2019)
गोवा पी एस श्रीधरन पिल्लई (07 जुलाई 2021)
छत्तीसगढ़ बिस्वा भूषण हरिचंदन (12 फ़रवरी 2023)
झारखण्ड सीपी राधाकृष्णन (12 फ़रवरी 2023)
तमिलनाडु रवींद्र नारायण रवि (18 सितंबर 2021)
तेलंगाना डॉ तमिलिसाई सौंदराराजन (08 सितम्बर 2019)
त्रिपुरा सत्यदेव नारायण आर्य (07 जुलाई 2021)
नागालैण्ड ला गणेशन (12 फ़रवरी 2023)
पंजाब बनवारीलाल पुरोहित (31 अगस्त, 2021)
पश्चिम बंगाल जगदीप धनखड़ (30 जुलाई 2019)
बिहार राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर (12 फ़रवरी 2023)
मणिपुर ला. गणेशन (27 अगस्त 2021)
मध्य प्रदेश मंगूभाई छगनभाई पटेल (06 जुलाई 2021)
महाराष्ट्र रमेश बैस (12 फ़रवरी 2023)
मिजोरम डॉ.हरि बाबू कमभमपति (07 जुलाई 2021)
मेघालय तथागत राय (27 जनवरी 2020)
राजस्थान कलराज मिश्र (09 सितम्बर 2019)
सिक्किम लक्ष्मण प्रसाद आचार्य (12 फ़रवरी 2023)
हरियाणा बंडारू दत्तात्रेय (07 जुलाई 2021)
हिमाचल प्रदेश शिव प्रताप शुक्ला (12 फ़रवरी 2023)

राज्यपाल की नियुक्ति कौन करता है?

संविधान के अनुच्छेद 155 के अनुसार- राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा प्रत्यक्ष रूप से की जाएगी, किन्तु वास्तव में राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा भारत के प्रधानमंत्री की सिफ़ारिश पर की जाती है। राज्यपाल की नियुक्ति के सम्बन्ध में निम्न दो प्रकार की प्रथाएँ बन गयी थीं:-

  • किसी व्यक्ति को उस राज्य का राज्यपाल नहीं नियुक्त किया जाएगा, जिसका वह निवासी है।
  • राज्यपाल की नियुक्ति से पहले सम्बन्धित राज्य के मुख्यमंत्री से विचार विमर्श किया जाएगा।

यह प्रथा 1950 से 1967 तक अपनायी गयी, लेकिन 1967 के चुनावों में जब कुछ राज्यों में गैर कांग्रेसी सरकारों का गठन हुआ, तब दूसरी प्रथा को समाप्त कर दिया गया और मुख्यमंत्री से विचार विमर्श किए बिना राज्यपाल की नियुक्ति की जाने लगी|

राज्यपाल की शक्तियाँ, कार्य और विशेषाधिकार:

  • राज्यपाल अपने पद की शक्तियों के प्रयोग तथा कर्तव्यों के पालन के लिए किसी न्यायालय के प्रति उत्तरदायी नहीं है।
  • राज्यपाल की पदावधि के दौरान उसके विरुद्ध किसी भी न्यायालय में किसी भी प्रकार की आपराधिक कार्यवाही प्रारम्भ नहीं की जा सकती।
  • जब राज्यपाल पद पर आरूढ़ हो, तब उसकी गिरफ्तारी या कारावास के लिए किसी भी न्यायालय से कोई आदेशिका जारी नहीं की जा सकती।
  • राज्यपाल का पद ग्रहण करने से पूर्व या पश्चात उसके द्वारा व्यक्तिगत क्षमता में किये गये कार्य के सम्बन्ध में कोई सिविल कार्यवाही करने के पहले उसे दो मास पूर्व सूचना देनी पड़ती है।

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  News Date :  12 फ़रवरी 2023
  News Category :  Politics
  Post Category :  February 2023