भारत की प्रमुख बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं की सूची: (List of Major Indian River Valley Projects in Hindi)
बहुउद्देशीय परियोजना किसे कहते हैं?
नदियों की घाटियो पर बडे-बडे बाँध बनाकर ऊर्जा, सिंचाई, पर्यटन स्थलों की सुविधाएं प्राप्त की जातीं हैं। इसीलिए इन्हें बहूद्देशीय नदी घाटी परियोजना कहते हैं। नदी घाटी योजना का प्राथमिक उद्देश्य होता है किसी नदीघाटी के अंतर्गत जल और थल का मानवहितार्थ पूर्ण उपयोग। भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने बहु-उद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं को 'आधुनिक भारत का मंदिर' कहा था।नदी घाटी बहुउद्देशीय परियोजना के लाभ:
भारत में बहु-उद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं के प्रमुख लाभ निम्नलिखित है:
- बाढ़ों की रोकथाम।
- नदियों द्वारा जलमार्ग की सुविधा पर्याप्त कराना।
- बड़े बाँधों का निर्माण तथा उनके द्वारा बिजली का उत्पादन।
- बाँधों द्वारा सिंचित जल से भूसिंचन के साधन उपलब्ध करना।
- पानी के नियंत्रण से भूमि के कटाव को रोकना तथा भूमि संरक्षण के निमित्त विविध प्रकार के स्थलीय कार्य करना।
- वनसंक्षरण तथा वन और कृषि की भूमि का यथानुकूल विभाजन तथा नियंत्रण, मत्स्य उत्पादन तथा उसके वितरण का प्रबंध।
- पशु और पक्षियों की देखरेख तथा उनकी वृद्धि का आयोजन।
- घाटी के क्षेत्र में मलेरिया आदि अन्य बीमारियों आदि अन्य बीमारियों की रोकथाम।
- कृषि उत्पादन की खपत तथा वितरण का आयोजन।
- यातायात का प्रबंध।
- पुन: बिजली द्वारा संचालित उद्योगों का आयोजन।
- उद्योगों द्वारा बढ़ती समस्याओं का सामयिक समाधान।
- नदियों की स्वच्छता पर नियंत्रण तथा मानव जीवन से संबंधित बहुत सी अन्य बातों का आयोजन।
- प्रबंध एवं संपूर्ण नियंत्रण।
- सिंचाई का प्रबंध।
- पर्यावरण की रक्षा।
- भू-संरक्षण और मत्स्य पालन का विकास।
भारत की प्रमुख बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं की सूची:
परियोजना का नाम और संबंधित नदी | लाभान्वित राज्य | उद्देश्य |
भाखड़ा नांगल परियोजना (सतलुज नदी) | पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान | जल विद्युत शक्ति का उत्पादन, और सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना |
व्यास परियोजना (व्यास नदी) | राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश | जल विद्युत शक्ति का उत्पादन, और सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना |
दुलहस्ती परियोजना (चंद्र नदी) | जम्मू-कश्मीर | जल विद्युत शक्ति का उत्पादन करना |
दामोदर परियोजना (दामोदर नदी) | झारखंड, वेस्ट बंगाल | शक्ति उत्पादन, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण के लिए परियोजना |
हीराकुंड बांध परियोजना (महानदी) | ओडिशा | शक्ति का उत्पादन एवं सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना |
चंबल परियोजना (चंबल नदी) | राजस्थान, मध्य प्रदेश | सिंचाई, एवं ताप विद्युत शक्ति का उत्पादन करना |
तुंगभद्रा परियोजना (तुंगभद्रा नदी) | आंध्र प्रदेश, कर्नाटक | शक्ति का उत्पादन एवं सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना |
मयूराक्षी परियोजना (मयूराक्षी नदी) | वेस्ट बंगाल | शक्ति का उत्पादन एवं सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना |
नागार्जुन सागर परियोजना (कृष्णा नदी) | आंध्र प्रदेश | शक्ति का उत्पादन एवं सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना |
कोसी परियोजना (कोसी नदी) | बिहार और नेपाल | शक्ति उत्पादन, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण के लिए परियोजना |
गण्डक नदी परियोजना (गण्डक नदी) | बिहार और नेपाल | शक्ति का उत्पादन एवं सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना |
फरक्का परियोजना (गंगा, भागीरथी) | पश्चिम बंगाल | शक्ति का उत्पादन, सिंचाई तथा नौपरिवहन के लिए सुविधा उपलब्ध कराना |
काकड़ापारा परियोजना (ताप्ती नदी) | गुजरात | सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना |
तवा परियोजना (तवा नदी) | मध्य प्रदेश | सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना |
नागपुर शक्तिगृह परियोजना (कोरडी नदी) | महाराष्ट्र | ताप विद्युत शक्ति का उत्पादन करना |
इंदिरा गांधी नहर परियोजना (सतलुज नदी) | राजस्थान, पंजाब, और हरियाणा | सिंचाई, पेयजल और ताप विद्युत शक्ति का उत्पादन करना |
उकाई परियोजना (ताप्ती नदी) | गुजरात | शक्ति का उत्पादन एवं सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना |
पोचाम्पाद परियोजना (गोदावरी नदी) | कर्नाटक | सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना |
मालप्रभा परियोजना (मालप्रभा नदी) | कर्नाटक | सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना |
महानदी डेल्टा परियोजना (महानदी) | ओडिशा | सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना |
रिहंद परियोजना (रिहंद नदी) | उत्तर प्रदेश | जल विद्युत शक्ति का उत्पादन करना |
कुंडा परियोजना (कुंडा नदी) | तमिलनाडु | जल विद्युत शक्ति सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना |
दुर्गा वैराज परियोजना (दामोदर नदी) | वेस्ट बंगाल, झारखंड | सिंचाई तथा कोलकाता एवं रानीगंज के बीच नौवहन की सुविधा उपलब्ध कराना |
इडुक्की परियोजना (पेरियार नदी) | केरल | जल विद्युत शक्ति का उत्पादन करना |
टिहरी बांध परियोजना (भागीरथी नदी) | उत्तराखंड | जल विद्युत शक्ति का उत्पादन करना |
माताटीला परियोजना (बेतवा नदी) | उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश | जल विद्युत शक्ति का उत्पादन एवं सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना |
कोयना परियोजना (कोयना नदी) | महाराष्ट्र | जल विद्युत शक्ति का उत्पादन करना |
रामगंगा परियोजना (रामगंगा नदी) | उत्तर प्रदेश | विद्युत शक्ति का उत्पादन एवं सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना |
ऊपरी कृष्णा परियोजना (कृष्णा नदी) | कर्नाटक | सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना |
घाटप्रभा परियोजना (घाटप्रभा नदी) | कर्नाटक | जल विद्युत शक्ति सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना |
भीमा परियोजना (पवना नदी) | महाराष्ट्र | सिंचाई एवं जल विद्युत शक्ति की सुविधा उपलब्ध कराना |
भद्रा परियोजना (भद्रा नदी) | कर्नाटक | सिंचाई और जल विद्युत शक्ति की सुविधा उपलब्ध कराना |
जायकवाड़ी परियोजना (गोदावरी नदी) | महाराष्ट्र | सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना |
रंजीत सागर बांध परियोजना (रावी नदी) | पंजाब | जल विद्युत शक्ति का उत्पादन करना |
हिडकल परियोजना (घटप्रभा नदी) | कर्नाटक | जल विद्युत सिंचाई एवं जल विद्युत शक्ति का उत्पादन करना |
सतलुज परियोजना (चिनाब नदी) | जम्मू-कश्मीर | जल विद्युत शक्ति उत्पादन, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण के लिए परियोजना |
नाथपा-झाकरी परियोजना (सतलुज नदी) | हिमाचल प्रदेश | जल विद्युत शक्ति की सुविधा उपलब्ध कराना |
पनामा परियोजना (पनामा नदी) | गुजरात | सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना |
कोल डैम परियोजना (सतलुज नदी) | हिमाचल प्रदेश | सिंचाई एवं जल विद्युत शक्ति का उत्पादन करना |
कांगसावती परियोजना (कांगसवाती) | वेस्ट बंगाल | सिंचाई एवं जल विद्युत शक्ति का उत्पादन करना |
पराम्बिकुलम अलियार परियोजना (8 छोटी नदियों पर बना है यह बांध) | तमिलनाडु और केरल | सिंचाई एवं जल विद्युत शक्ति का उत्पादन करना |
मुचकुंड परियोजना (मुचकुंड नदी) | ओडिशा और आंध्र प्रदेश | सिंचाई एवं जल विद्युत शक्ति का उत्पादन करना |
गिरना परियोजना (गिरना नदी) | महाराष्ट्र | सिंचाई एवं जल विद्युत शक्ति का उत्पादन करना |
शारदा परियोजना (शारदा नदी, गोमती नदी) | उत्तर प्रदेश | सिंचाई एवं जल विद्युत शक्ति का उत्पादन करना |
पूर्णा परियोजना (पूर्णा नदी) | महाराष्ट्र | सिंचाई का प्रबंध, जल विद्युत् का उत्पादन करना |
बार्गी परियोजना (बार्गी नदी) | मध्य प्रदेश | सिंचाई का प्रबंध, जल विद्युत् का उत्पादन करना |
हंसदेव बंगो परियोजना (हंसदेव नदी) | मध्य प्रदेश | इस परियोजना का उद्देश्य लोगों को मीठा और शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना |
शरावती परियोजना (शरावती नदी) | कर्नाटक | सिंचाई, एवं ताप विद्युत शक्ति का उत्पादन करना |
पंचेत बांध (दामोदर नदी) | झारखंड, वेस्ट बंगाल | सिंचाई, एवं ताप विद्युत शक्ति का उत्पादन करना |
बाणसागर परियोजना (सोन नदी) | बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश | जल विद्युत शक्ति का उत्पादन मछली पालन मे सहायक |
नर्मदा सागर परियोजना (नर्मदा नदी) | मध्य प्रदेश, गुजरात | सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना |
राणा प्रताप सागर परियोजना (चंबल नदी) | राजस्थान | सिंचाई एवं ताप विद्युत शक्ति का उत्पादन करना |
जवाहर सागर परियोजना (चंबल नदी) | राजस्थान | ताप विद्युत शक्ति का उत्पादन एवं सिंचाई मे सहायक |
सरहिंद नाहर परियोजना (सतलज नदी) | हरियाणा | ताप विद्युत शक्ति का उत्पादन करना |
तुलबुल परियोजना (झेलम नदी) | जम्मू-कश्मीर | ताप विद्युत शक्ति का उत्पादन एवं सिंचाई मे सहायक |
दुलहस्ती परियोजना (चिनाब नदी) | जम्मू-कश्मीर | सिंचाई एवं ताप विद्युत शक्ति का उत्पादन करना |
तिलैया परियोजना (बराकर) | झारखंड | बाढ़ को नियंत्रण में करना और ताप विद्युत शक्ति का उत्पादन करना |
सरदार सरोवर परियोजना (नर्मदा नदी) | मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान | ताप विद्युत शक्ति का उत्पादन,बाढ़ को नियंत्रण में करना और सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना |
अब संबंधित प्रश्नों का अभ्यास करें और देखें कि आपने क्या सीखा?
☞ भारत की नदी घाटी परियोजनाओं से संबंधित प्रश्न उत्तर 🔗
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बहुउद्देशीय नदी परियोजनाएँ प्रश्नोत्तर (FAQs):
भारत के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना को 'आधुनिक भारत का मंदिर' कहा था।
1962 में, जवाहरलाल नेहरू ने भारत की सबसे बड़ी बहुउद्देश्यीय नदी घाटी परियोजना, भाखड़ा नंगल बांध को राष्ट्र को समर्पित किया। देश का दूसरा सबसे बड़ा बांध होने के अलावा यह एशिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध भी है।
भाखड़ा नांगल बांध सतलज नदी पर बना है। यह बांध दो बांधों भाखड़ा और नांगल बांधों से मिलकर बना है। भाखड़ा बांध नंगल बांध से 13 किमी दूर बना है।
तुलबुल परियोजना झेलम नदी पर स्थित है, जो पंजाब की पांच नदियों से होकर बहती है और पाकिस्तान में मिलती है। मूल भारतीय योजना के अनुसार यह बैराज 439 फुट लम्बा और 40 फुट चौड़ा है। इसकी अधिकतम क्षमता 3,00000 एकड़ फीट है। तुलबुल परियोजना वुलर झील पर एक नेविगेशन "लॉक कम कंट्रोल स्ट्रक्चर" है।
भारत की पहली बहुउद्देशीय परियोजना के रूप में 'दामोदर नदी घाटी' परियोजना 7 जुलाई, 1948 को अस्तित्व में आई। यह परियोजना, भारत की अधिकांश परियोजनाओं की तरह, अमेरिका की 'टेनेसी वैली परियोजना' पर आधारित है, जिसे पानी के अधिकतम उपयोग के लिए बनाया गया है।